भविष्य भी
लोगों का बदलने लगा
हर कोई
हाई टेक होने लगा
चलते ही
चलते बतलाने लगा
बिन
पूछे ही आगे बढ़ने लगा I
माइक्रो
चिप ही माइंड में लगवाने लगा
सारा का
सारा डेटा भरवाने लगा
चलता
फिरता ही गूगल होने लगा
हर किसी
के माइंड में सर्च इंजिन होने लगा I
इशारों
पर ही कार का इंजिन चलने लगा
चलता
फिरता ही इंसान रोबोट लगने लगा
भावनाओं
का नाता अब कटने लगा
इंसान
ही मशीन अब होने लगा I
दवाईयों
के दम पर चलने लगा
बिमारियों को
ठीक वो मकरने लगा
इंजीनियर
डाक्टर खुद होने लगा
मल्टी
पर्सनालिटी दिखने लगा I
इंटरनेट
सर्फिंग भी आंखों पर करने लगा
माइंड
का चिप ही हर जगह काम करने लगा
आंखों
के रेटिना पर डिस्प्ले होने लगा
सभी कुछ
आसान सा होने लगा I
इंसान
भी मशीनों सा स्कैनिंग करने लगा
और
गाड़ियों की तरह ही रिपेरिंग करने लगा
ऑपरेशन
भी रोबोट से करने लगा
शरीर के
स्फेयर पार्ट्स बदलवाने लगा I
हर
बीमारी का इलाज माइंड में आने लगा
उसका
इलाज खुद ही करने लगा
बूढ़ा भी
जवान अब होने लगा
जवानी
में ही जिंदगी अब काटने लगा I
कमलेश संजीदा उर्फ़
कमलेश कुमार गौतम
Email. kavikamleshsanjida@gmail.com
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